सच्ची दोस्ती के कई किस्से सुने होंगे आपने, लेकिन तमिलनाडु की एक छात्रा ने इस बात की मिशाल पेश कर सबका दिल जीत लिया। बेस्ट फ्रेंड को डॉक्टर बनाने के लिए उसने अपनी सीट छोड़ने का फैसला लिया। लेकिन वार्शिनी एस. ने बड़ी ही आसानी से अपनी फ्रेंड के लिए सीट छोड़ दी।
– इस दौरान सोमायापुरम (त्रिचि) की वार्शिनी एस. को एक्स सर्विसमैन(पूर्व सैन्यकर्मियों) कोटा में MBBS के लिए सीट अलॉट की गई।
– लेकिन वार्शिनी ने इसे लेने से इनकार कर दिया। वह चाहती थी कि ये सीट उसकी बेस्ट फ्रेंड जननी एन. को मिले। दोनों लड़कियां एसआरवी मैट्रिक्यूलेशन हायर सेंकेड्री स्कूल की छात्राएं हैं। हम दोनों ने पढ़ाई एक साथ शुरू की थी और तभी से हम दोस्त हैं।
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– वार्शिनी ने मेडिकल एन्ट्रेंस में 199 और उसकी फ्रेंड जननी ने 198.75 मार्क्स हासिल किए। दोनों के पिता एक्स सर्विसमैन हैं।
– वार्शिनी ने कहा, ”मैं ओबीसी कैटेगरी से आती हूं, पूरा भरोसा है कि जनरल काउंसलिंग में मुझे सीट मिल जाएगी।”
– ”लेकिन जननी को जनरल काउंसलिंग में सीट मिलेगी, यह श्योर नहीं। डॉक्टर बनने का उसका भी सपना पूरा हो।”
– इसके बाद जननी को मद्रास मेडिकल कॉलेज में MBBS की सीट मिली है।
– बेस्ट फ्रेंड के इस फैसले से खुश जननी कहती हैं कि इससे दोनों की फैमिली के बीच रिश्ते और गहरे होंगे।
– ”मेरे मार्क्स वार्शिनी से सिर्फ 0.25 कम हैं और इस सपने को पूरा करने में वार्शिनी का अहम रोल है।”
– ”190-199 मार्क्स के बीच मेरिट में काफी ज्यादा लोग है। ऐसे में, वार्शिनी के लिए भी सीट हासिल करना आसान नहीं होगा।”
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